जातिका का जन्म 14 November 1972 Time 19:45 kota Rajasthan का है.इस समय मे मिथुन लगन मिलती है और चन्द्र राशि कुम्भ मिलती है। लगनेश बुध का स्थान छठे भाव मे है,चन्द्र लगनेश चन्द्रमा से चौथे भाव मे,सूर्य लगनेश शुक्र सूर्य से बारहवे भाव मे और नवमान्श के लगनेश शुक्र नवमान्स मे ग्यारहवे भाव मे है। तुला का मंगल सूर्य के साथ पंचम स्थान मे है। राशि से मंगल तीसरे और दसवे भाव का मालिक है,लगन से मंगल छठे और ग्यारहवे भाव का है। नाडी ज्योतिष से मंगल को स्त्री की कुंडली में भाई के साथ साथ पति का कारक भी कहा गया है। वैवाहिक सुख के लिये बेलेन्स करने वाली राशि मे मंगल के आजाने से जातक के अन्दर शादी सम्बन्ध और जीवन के वैवाहिक सुख मे बेलेन्स करने की एक अजीब सी बात पैदा हो जाती है। यह मन्गल कार्य आदि मे भी तकनीकी कारण पैदा करता है तो वह चिकित्सा के क्षेत्र में किसी प्रकार की तकनीकी क्षेत्र मे और रक्षा सेवा के लिये भी माना जा सकता है लेकिन यही कारण पति और जीवन साथी के क्षेत्र में एक अजीब सी दिक्कत देने वाला माना जा सकता है।
जातिका की पहली शादी होने के बाद जातिक के पति के साथ अचानक क्या हुआ,वह किसी को नही पता उसका दिमाग अचानक बदल गया,वह पागलपन की हरकत करने लगा और जातिका के साथ अभद्र व्यवहार करने लगा जातिका के पति परिवार के सभी लोग जातिका पर आक्षेप लगाने लगे कि वह उसके परिवार के लिये लकी नही है वह जब से आयी है घर का सुख बरबाद हो गया है और इस कारण से जातिका को विवाह के सातवे दिन ही पहली शादी से तलाक लेनी पडी। दूसरी शादी भी हो गयी और शादी के बाद अचानक पति परिवार वाले जातिका के साथ अभद्य व्यवहार करने लगे,जातिका के सन्तान के रूप मे कन्या सन्तान का भी जन्म हुआ लेकिन पति परिवार के सभी सदस्य जातिका के लिये दिक्कत देने का कारण बनने लगे।
जातिका अपने कार्यो मे तकनीकी कार्य मे लगी हुयी है और जातिका के पास इस दोष को दूर करने के लिये कोई कारण समझ मे नही आ रहा है। केवल मंगल का कारण ही होता तो संभाला भी जा सकता था उसके लिये उपाय भी किये जा सकते थे लेकिन सूर्य के साथ मंगल के होने से मंगल एक तो गर्म था ऊपर से सूर्य की बाहरी गर्मी भी जातिका के लिये दिक्कत देने वाली बन जानी मानी जा सकती है.
जातिका की पहली शादी होने के बाद जातिक के पति के साथ अचानक क्या हुआ,वह किसी को नही पता उसका दिमाग अचानक बदल गया,वह पागलपन की हरकत करने लगा और जातिका के साथ अभद्र व्यवहार करने लगा जातिका के पति परिवार के सभी लोग जातिका पर आक्षेप लगाने लगे कि वह उसके परिवार के लिये लकी नही है वह जब से आयी है घर का सुख बरबाद हो गया है और इस कारण से जातिका को विवाह के सातवे दिन ही पहली शादी से तलाक लेनी पडी। दूसरी शादी भी हो गयी और शादी के बाद अचानक पति परिवार वाले जातिका के साथ अभद्य व्यवहार करने लगे,जातिका के सन्तान के रूप मे कन्या सन्तान का भी जन्म हुआ लेकिन पति परिवार के सभी सदस्य जातिका के लिये दिक्कत देने का कारण बनने लगे।
जातिका अपने कार्यो मे तकनीकी कार्य मे लगी हुयी है और जातिका के पास इस दोष को दूर करने के लिये कोई कारण समझ मे नही आ रहा है। केवल मंगल का कारण ही होता तो संभाला भी जा सकता था उसके लिये उपाय भी किये जा सकते थे लेकिन सूर्य के साथ मंगल के होने से मंगल एक तो गर्म था ऊपर से सूर्य की बाहरी गर्मी भी जातिका के लिये दिक्कत देने वाली बन जानी मानी जा सकती है.
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