Saturday, June 4, 2011

कुंडली में वंचन चोर भीति योग

वंचन चोर भीति योग का मतलब होता है कि हमेशा छुपे हुये दुश्मनो के द्वारा या अचानक होने वाली हानि के लिये चोरी की घटनाये होती रहना तथा हमेशा भय रहना कि हमारी कोई वस्तु दुबारा से नही चली जाये,आदि बाते कुंडली के लगनेश के शनि या राहु अथवा शनि राहु अथवा शनि केतु के एक साथ होने से माना जाता है। प्रस्तुत कुंडली कन्या लगन की है और लगनेश बुध शनि के साथ विराजमान है जो इस योग की प्रस्तुति कर रहे है। इस योग का मुख्य कारण बनाने में लगनेश का मन्दता मे चले जाना या ऐतिहासिक बातों में उलझ जाना घर की बातों में अपने मन को लगाये रहना और जगत रीति को बिना समझे किसी की भी बातों में आजाना अपने धन को और साधनों को दूसरे को देना और जब जरूरत हो तो अपने ही साधनों या धन को प्राप्त करने के लिये कहने पर खुद के साथ ही धोखा हो जाना और धन या साधन का नही मिलना आदि कारण देखे जाते है।

धोखा होना और धोखा देना दो बातें अलग अलग है,कई लोग दूसरे को धोखा देकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के चक्कर में रहते है,कई लोगों के साथ वक्त पर धोखा होता रहता है और वे अपने को ठगाने के बाद भी सुखी रहते है साथ ही वक्त पर धोखा देने वाले व्यक्ति के लिये मन ही मन में कल्पना करते रहते है कि सामने वाले व्यक्ति को पहिचान लिया होता तो धोखा नही होता। अक्सर यह स्थिति लगनेश के साथ शनि के स्थापित होने वाले भाव के अनुसार ही जाना जाता है। अगर शनि का प्रभाव लगन में है तो वह शरीर के मामले में ठगा जाता है,जैसे इस कुंडली में शनि लगन में ही लगनेश बुध के साथ विराजमान है,बुध मीठा बोलने का कारक है और शनि के साथ रहने पर कम बोलता भी है,शनि का स्थान कन्या राशि मे होने के कारण जातक के साथ रोजाना के कामो को करने का अच्छा अनुभव है साथ ही शनि कन्या राशि में जब बैठता है तो धन वाले कामो को करवाता है और जीवन यापन करने के लिये नौकरी आदि के क्षेत्र में भेजता है,इस शनि के द्वारा जो धोखे दिये जाते है उनके अन्दर कार्य करने के बाद नौकरी करने के बाद मिलनी वाली तन्खाह का नही मिलना अथवा जो भी काम किया जाये उसके लिये लोगों के द्वारा कार्य के लिये पैसे भी ले लिये जाये और कार्य भी नही दिया जाये,अथवा जो भी धन उधार लिया गया उसे दूसरे लोगों के द्वारा ठग लिया जाये अपने लिये कुछ भी नही बचे इसके अलावा धन सम्बन्धी कार्य करने के बाद जैसे बैंक आदि में कार्य किये जाये और वक्त पर जैसे ही सेलरी मिलने का समय आये धन के अन्दर किसी प्रकार से कमी आजाये और सेलरी से ही धन को काट लिया जाये यह नौकरी की की जाने वाली मेहनत का चोरी हो जाना कहा जाता है। इसी प्रकार से अन्य ग्रहों जैसे इस कुंडली में मंगल जो हिम्मत का मालिक है और मंगल ही अपमान देने का कारक है,का नीच राशि का होकर मित्र भाव में स्थापन है। इस मित्र राशि में नीच के मंगल के होने से और मंगल के साथ राहु के होने से नीचता का विस्तार मंगल के द्वारा दिया जाता है,मंगल और राहु की आपसी युति से जातक के अन्दर अक्स्मात ही बुरे विचार आते है और वह अपने स्वभाव पर कन्ट्रोल नही कर पाता है इस बात की पुष्टि मंगल के साथ राहु के होने से मिलती है,इसके साथ ही नीच के मंगल का असर लेकर राहु अपनी नवीं द्रिष्टि से जीवन साथी के भाव को भी देता है जिसके कारण या तो शादी सम्बन्ध में दिक्कत आनी शुरु हो जाती है या किसी न किसी प्रकार की घरेलू क्लेश के कारण शादी सम्बन्ध नही हो पाते है। सप्तम में चन्द्रमा के होने से जातक के साथ शादी विवाह के नाम से छल भी किया जाता है,जिससे लगन में स्थापित शनि पंचम स्थान के केतु के साथ संयोग करने के बाद और लगनेश बुध के साथ युति करने के बाद कानूनी कारणों को पैदा करने के लिये भी माना जाता है। चन्द्रमा से सप्तम में गुरु और शनि के स्थापित होने के कारण दोहरे सम्बन्धो के बनने का कारण भी बनता है एक गुप्त रिस्ता होता है और उसके द्वारा छल होने पर दूसरे रिस्ते को भी माना जाता है।
अक्सर जिस जीवन साथी से जिस सम्बन्ध को बनाया जाता है उसके अन्दर शनि वाली कमजोरी होने के कारण वह शादी से पहले चाहे कितने ही धन का मालिक हो,लेकिन शादी के बाद वह धीरे धीरे अपनी बुद्धि को घर की क्लेश के कारण या माता की हरकतों से अथवा जातक की माता की कमजोरी के कारण उसे चिन्ता का रूप देने का कारण भी बनता है लो ब्लड प्रेसर जैसी बीमारियों के लिये भी माना जाता है। इस मंगल का अक्सर प्रभाव अस्पताली मौत या आकस्मिक मौत या शुक्र को मंगल के द्वारा राहु का बल लेकर कन्ट्रोल करने के कारण आग से मौत का होना भी माना जाता है इस युति में जातक अपने जन्म दिन पर किसी लालदेवता पर लाल रंग का अभिषेख करे,जैसे हनुमान जी पर चोला चढाना और हनुमान जी के स्थान पर समय समय पर लाल रंग के शर्बत में खुशबू मिलाकर पिलाते रहना,मंगल राहु की युति को धीमा रखने के लिये केतु (गणेश) को मूंगा में बनवा कर पेन्डेन्ट में पहिनना भी फ़ायदा देने वाला माना जाता है.मंगाने के लिये लिख सकते है,इसकी कीमत बावन सौ है भेजने का खर्चा अलग है। मंगाने के लिये या जानकारी के लिये लिखें - astrobhadauria@gmail.com

1 comment:

GALI NO-ONE said...

उत्तम विचार