Monday, August 23, 2010

स्वप्न और हकीकत

दिमागी विचार दैनिक कार्य होने वाली घटनायें खानपान शरीर के रोग आदि स्वप्न के प्रति जिम्मेदार माने जाते है,अक्सर ठंड के दिनों में लिहाफ़ किसी कारण से शरीर से हट जाता है,तो स्वप्न में पानी आदि दिखाई देने लगता है,या तो पानी में नहाना दिखाई देता है अथवा पानी के अन्दर किसी डूबते को बचाना आदि दिखाई देता है। शरीर को ठंड लगती है और नींद बीच में टूट नही जाये इसलिये स्वप्न का आना जरूरी होता है। सूक्षम प्राण की उपस्थिति और शरीर के प्रति रहने वाला ख्याल भी स्वप्न में अपने अपने रूपों में दिखाई देता है। भोजन के बाद कोई संक्रामक रोग अगर शरीर में पनप रहा है तो स्वप्न में कीडे मकोडे और विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु दिखाई देते है,खतरनाक रोग में हानिकारक और कुछ समय के लिये परेशान करने वाली बीमारियों में कम हानिकारक जीव जन्तु दिखाई देते है। अधिकतर लोग चिन्ता किये जाने वाले कारण की हकीकत भी स्वप्न में देखते है,जैसे कोई सट्टा खेलने वाला व्यक्ति लगातार सट्टा वाले नम्बरों के लिये सोचता रहता है तो कभी कभी वह सोते हुये आने वाले नम्बर को प्रत्यक्ष में देखता है,यह साधना के रूप में भी माना जा सकता है किसी विषय के प्रति लगातार सोचते रहने से वह विषय फ़लीभूत होने लगता है और साधना सफ़ल होने लगती है लेकिन देखे जाने वाले नम्बरों को लगातार प्रयोग करने से तथा मिलने वाले फ़लों के अन्दर आशक्ति बढते रहने से भी दिमाग अहम की तरफ़ चलने लगता है और कालान्तर में वह शक्ति अपने आप विभाजित होकर दूर चली जाती है और नम्बर फ़ेल होने लगते है। कभी कभी दूर रहने वाले व्यक्ति के लिये अधिक सोचने पर उसके प्रति आशक्ति बढती जाती है और दूरस्थ व्यक्ति के साथ आत्मीय सम्बन्ध बनने पर भी जब उस व्यक्ति के साथ कोई घटना होती है तो वह पहले ही घटना सामने प्रत्यक्ष रूप से सामने दिखाई दे जाती है। किसी व्यक्ति के साथ होने वाली होनी अनहोनी भी स्वप्न में दिखाई दे जाती है,अक्सर परिवार के लोगों के साथ होने वाली दुर्घटना का रूप स्वप्न में पहले से ही खून से सम्बन्धित रिस्तेदारों को मिलने लगता है। जैसे किसी व्यक्ति का ऊपर से नीचे गिरना भी स्वप्न में आने वाली मुशीबत को बता जाता है। स्वप्न में शरीर की हानि को बताने के लिये मकान या किसी प्रकार के रहने वाले साधन का गिरना नष्ट होना भी मिलता है,जिस व्यक्ति की मृत्यु का समय नजदीक होता है वह इस प्रकार के स्वप्न देखकर सोते सोते चिल्लाने लगता है कि अमुक लोग मकान को तोड रहे है,या मकान के सामान को किसी साधन से भर कर ले जा रहे है। केंसर जैसे रोगी को जब केंसर जैसे रोग होने को होते है तो उसे स्वप्न में खतरनाक कीडों मकोंडों के बीच में फ़ंसा होना मिलता है। खून के इन्फ़ेक्सन होने के समय में व्यक्ति स्वप्न में शरीर का जलना और गंदगी आदि को लपेटता हुआ दिखाई देता है। डरने वाले व्यक्ति को जो स्वप्न अधिकतर दिखाई देते है उनके अन्दर कोई पुराना मकान या ऐतिहासिक स्थान देखने को मिलते है,तथा जो लोग पहले मर गये होते है उनका स्वप्न में आना इसी मानसिकता से भरे लोगों को दिखाई देता है। कामुकता से ग्रस्त लोगों को स्वप्न में इच्छित व्यक्ति के साथ सहसवास करना भी दिखाई देता है,पानी से प्यासे रहने पर सोने से स्वप्न में पानी पीना भी दिखाई देता है भूखे व्यक्ति को खाने की तरफ़ मोह होने से उसे तरह तरह के व्यंजन खाने के लिये भी स्वप्न में मिलते है,अक्सर इस प्रकार के स्वप्न व्यक्ति के अन्दर खून की कमी होने पर भी दिखाई देते है। पूजा पाठ और साधना के करने पर व्यक्ति को स्वप्न में संबन्धित इष्ट के दर्शन भी होते है वह अपने इष्ट के प्रति अधिक चिन्ता में आकर कई दुर्घटनायें हकीकत में भी कर जाता है। पुरानी कहानियों में और किस्सों में किसी धार्मिक स्थान के प्रति भी स्वप्न वाली बातें बताई जाती है जैसे कि किसी राजा को स्वप्न में दिखाई दिया कि अमुक स्थान पर मूर्तियां या कोई धार्मिक स्थान है और खुदाई करवाने पर उस स्थान में उन मूर्तियों का वास्तव में निकलना आदि बातें भी मिलती है। अक्सर कई लोग जो बुजुर्ग होते है वे कई बार अचेत हो जाते है और डाक्टर के अनुसार उनकी मृत्यु हो गयी होती है,लेकिन कुछ समय बाद वे चेतना में आकर बताते है कि वह मरने के बाद धर्मराज के पास गये थे,उन्होने रजिस्टर खोल कर देखा तो वहां उसका नाम नही था,इसलिये उसे वापस धक्का देकर नीचे फ़ेंक दिया गया और वह वापस जिन्दा हो गया। यह स्वप्न निर्जीवता के बारे में भी बताते है। स्वप्न के प्रति किये गये शोध के बारे में भी की प्रमाण मिलते है,जैसे कि जीव के सोने के बाद में उससे किये जाने वाले प्रश्न,और उन प्रश्नो को हकीकत की तरह से बताते जाना,यह कृत्रिम निद्रा को लाकर भी की जाने वाली क्रिया होती है। जो लोग सम्मोहन और दिमाग को केन्द्रित करने के बाद पूंछे जाने की बातें करते है। त्राटक भी एक चेतना में स्वप्न में जाने की क्रिया का नाम है,किसी बिन्दु या तस्वीर पर लगातार ध्यान लगाकर बैठना और कुछ देर बाद उस तस्वीर या बिन्दु का गायब हो जाना तथा उस बिन्दु या तस्वीर की जगह पर कोई और ही चित्रों का उभर जाना फ़िर उन्ही चित्रों के अन्दर या देखी जाने वाली चलचित्र जैसी बातों में खो जाना,जिसे साधु संत परालोक में जाने और वहां के कारणों को समझना बताते है। वैसे स्वप्न शरीर को आराम में खलल नही हो इसके लिये जिम्मेदार माने जाते है,साथ ही स्वप्न उन्ही लोगों को अधिक दिखाई देते है जो एक ही समस्या पर केन्द्रित होकर अपने विचारों को संजोते रहते है।

2 comments:

Unknown said...

guru ji ,agar kisi ko sapne mein lambi andheri road par chala jaa raha ho to iska art kya hoga.

Unknown said...

guru ji mere office mein kuch log mere opposite politics kar rehe hai.kripa karke meri kundli dekh kar batayen ki kya problem hai........

date -04/01/1981
place- aizwal(mizoram)
time 14:40 pm

PLZ KOI SAMADHAN BATAIYE