Tuesday, August 17, 2010

दिनों के नाम और उनके सिद्धान्त

 रविवार सोमवार मंगलवार बुधवार गुरुवार शुक्रवार शनिवार यह साथ दिन बनाये गये है,इन दिनों को बनाने का उद्देश्य केवल सप्ताह के समय को विभाजित करना ही था,साथ ही कल और आज तथा आज और कल के भेद को समझना भी था। इन दोनो के पीछे जो थ्योरी छिपी थी वह शायद हर किसी को पता नही है,बहुत बडा गूढ विषय है,इस विषय पर प्रकाश डालने की कोशिश तो की है,किसी प्रकार की त्रुटि अगर हो जाये तो क्षमा भी करना आपका ही काम है।
सूर्य को पिता के रूप में चन्द्र को माता के रूप में मंगल को पराक्रम के रूप में बुध को बुद्धि के रूप में गुरु को जीव के रूप में ज्ञान के रूप में सम्बन्ध के रूप में शुक्र को धन सम्पत्ति और पत्नी के रूप में शनि को कार्यों के रूप में अधिकतर माना जाता है। पिता ने माता की सहायता से जीव के पराक्रम को प्रकट किया,हिम्मत दी और संसार में बुद्धि प्राप्त करने के लिये उतार दिया,बुद्धि का कारक बुध है और बुध से इस जीव की उत्पत्ति को मानते है,बुध का रूप गोल है मतलब तीन सौ साठ डिग्री का है पूरा बुध,दुनिया भी गोल है,यानी पूरी तीन सौ साठ डिग्री की। इस संसार में तीन सौ साठ प्रकार की बुद्धि पायी जाती है,आगे कभी इन सभी बुद्धियों का विवेचन करूंगा। अक्सर इन्ही तीन सौ साठ प्रकार की बुद्धियों के मामले में कहावत कही जाती है कि- "तुम्हारे जैसे तीन सौ साठ लोग बेवकूफ़ बनाने वाले मिलते हैं",अक्सर यह बात लोगों के मुँह से कहावत के रूप में सुनी जाती है। बुध को मुख्य माना जाता है इसी के आसपास सभी ग्रह घूमते है। अगर पराक्रम और हिम्मत माता पिता ने सही दी है तो बुद्धि सही काम करेगी,और माता पिता के द्वारा ही पराक्रम और हिम्मत को गलत दिया गया है तो बुद्धि अपने आप कुत्सित होकर गलत काम करेगी। बुध से आगे गुरु आता है और बुध के पीछे मंगल,मंगल पराक्रम और हिम्मत का मालिक है बुध बुद्धि का और गुरु सम्बन्ध का,अगर हिम्मत और पराक्रम सही है तो बुद्धि अच्छी तरह से काम करेगी और सम्बन्ध भी अच्छे बनेंगे,इसके विपरीत सम्बन्ध खराब हो जायेंगे। सूर्य अनाज का कारक है चन्द्र पानी का,अगर अनाज और पानी सही लिया है तो शरीर में खून अच्छा बनेगा और वह बुद्धि को भी सही पैदा करेगा,साथ ही बुद्धि के सही होने पर ज्ञान की मात्रा भी अधिक से अधिक प्राप्त की जायेगी। लेकिन सूर्य के पीछे भी शनि लगा है,अगर सही कर्म करने के बाद अनाज को पैदा किया गया है तो अनाज भी आगे सही परिणाम देगा,शनि के पीछे भी शुक्र विराजमान है,अगर शुक्र से अपनी सही रीति नीति शनि को दी है तो शनि भी सही कार्य करेगा,और पीछे से शुक्र भी खराब है तो शनि अपने आप खराब हो जायेगा। शुक्र के पीछे भी गुरु लगा है,अगर ज्ञान की मात्रा समुचित है और वह शुक्र के लिये प्रयोग किये जाने योग्य है तो शुक्र सही काम करेगा,अगर गुरु ही खराब है तो शुक्र अपने आप खराब हो जायेगा। गुरु के पीछे बुध लगा हुआ है यानी बुद्धि को सही प्रयोग में लाया गया है तो गुरु अपना सही काम करेगा,यह थी साधारण रूप में दिनो की समीक्षा। इस समीक्षा को अगर उदाहरणों के रूप में प्रकट करें तो इस प्रकार से प्रकट होगा:-
बुद्धि को सही रूप से प्रकट करने के बाद गुरु यानी समबन्ध को सही बनाया गया है तो शुक्र यानी पत्नी उस सम्बन्ध को निभाकर शनि यानी अच्छे कर्म करेगी,और जब अच्छे कर्म होंगे तो सूर्य यानी पैदा होने वाली संतान भी सूर्य यानी पुत्र और चन्द्र यानी पुत्री अपने अपने अनुसार सही होंगे,और वे अच्छे अच्छे पराक्रम पैदा करने वाले होंगे उनकी बुद्धि भी सही होगी,और वे भी गुरु की सम्बन्ध वाली नीति को सही लेकर चलेंगे।
बुध को सही रूप से प्रकट नही किया गया है तो सम्बन्ध भी सही नही बनेगा,सम्बन्ध सही नही बनेगा तो वह वापस जहां से शुरु हुये थे वहीं जाकर पटक देगा,बुध से पीछे का दिन मंगल है,मंगल की सिफ़्त तीन जगह पर पायी जाती है,पहली तो धर्म स्थान में है जहां पर अपने किये गये माइनर पापों के लिये प्रायश्चित किया जा सकता है,दूसरी जगह पुलिस है जहां पापों का प्रायश्चित नही करने पर भी करवा लिया जाता है और सीधा जेल का रास्ता दिखा दिया जाता है वहां बैठ कर अपने पापों का प्रायश्चित आराम से करते रहो,तीसरा स्थान अस्पताल का होता है,डाक्टर पेट भी फ़ाडेगा और पेट फ़ाडने का धन भी लेगा,अथवा अपने ही घर पर उसका प्रायश्चित मिलेगा,डकैत आयेगा वह पेट भी फ़ाडेगा और धन भी ले जायेगा,अथवा रास्ते में प्रायश्चित करना पडेगा,एक्सीडेन्ट होगा अस्पताल जाना पडेगा,धन भी जायेगा और प्रायश्चित भी करना होगा,अगर किसी प्रकार से बुद्धि ने अपनी जगह सही नही प्राप्त की तो डाक्टर बजाय दाहिने हाथ के बायें हाथ का आपरेशन कर देगा,और भी बुद्धि ने काम नही किया तो वह सही किडनी को खराब और खराब को सही बताकर ऊपर का रास्ता दिखा देगा,इसलिये सबसे पहले अपनी बुद्धि को सुधारना जरूरी है तब दिनों के नाम लेने और दिनो को गिनने का फ़ल सही मिलेगा।
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