Thursday, July 22, 2010

मंगल शनि वाली जातियां


वर्तमान में मंगल शनि के साथ जा मिला है,शनि कन्या राशि का है और मंगल भी कन्या राशि में जा पहुंचा है। शनि कन्या राशि में सेवा भाव के घर मे होता है,कन्या राशि सेवा राशि के रूप में जानी जाती है और इस राशि के जातक अक्सर अपने पूरे जीवन भर दूसरों की सेवा के अलावा कर्जा दुश्मनी बीमारी और दैनिक कार्यों के अन्दर ही लगे रहते है। शनि के इस राशि में आने के बाद सेवा करने वाले और नौकरी करने वाले लोगों के अन्दर एक तरह से ठंडक आना माना जाता है,जो भी काम किये जाते है वे अक्सर आलस से किये जाते है,मंगल के साथ आजाने से सेवा वाले कामों के अन्दर अरुचि पैदा हो जाती है,और जो भी काम किये जाते है उनके अन्दर आक्षेप आदि केवल काम नही किये जाने के बाद पैदा किये जाते है। शनि की आदत चालाकी और मंगल की आदत तकनीकी रूप से साधारण रूप की समझ से बाहर की बात भी होती है इसलिये इस युति में जो लोग चालाकी से झूठ आदि का सहारा लेते है वे बडी मुश्किल में पकडे जाते हैं। मंगल का रूप सेवा में तकनीक देने के लिये भी माना जाता है,जैसे जमे हुये खून को पिघलाकर शरीर में स्फ़ूर्ति देने वाले काम,यह काम अक्सर ब्यूटी पार्लर में किया जाता है,शरीर के अन्दर मालिस आदि करना,शरीर के अन्दर शनि के कारक तत्व बाल खाल के अन्दर बदलाव करना,बालों को सजीले रूप में संवारना और खाल के अन्दर तेल आदि लगाकर मालिस करना,दवाइयों को मिलाकर तेल और अन्य रूप से बालों को संवारना भी माना जाता है। शनि का रूप मरे हुये जीवों के रूप में माना जाता है और मंग्ल को पकाने के रूप में भी माना जाता है,राहु से दसवें भाव में जाने के कारण मांसाहारी लोगों के लिये यह समय उत्तेजना देने के रूप में भी माना जाता है,बालों को संवारने वाले हज्जामों के लिये भी यह समय अधिकतर उन्न्ति वाला माना जाता है और ब्यूटी पार्लर आदि के काम को करने वाले लोगों के लिये अपना काम शुरु करने का भी समय माना जाता है। शनि मिट्टी है तो मंगल गर्म है,मिट्टी को पकाने वाले कामो के लिये भट्टा लगाने वाले और खनिजों को गर्म करने के बाद रूप परिवर्तन के मामले में भी इस मंगल शनि की युति को पूर्णता से युक्त माना जाता है,और इस समय को कुम्हारों के लिये भी उत्तम माना जाता है। राहु से दसवां मंगल शनि होने के कारण मुस्लिम जातियों के अन्दर सेवा करने वाले लोगों से मारकाट और हिंसा के रास्ते को भी पकडा जाता है,जो लोग शराबी है और उन्हे अक्सर लूटपाट और चोरी करने सेंधमारी करने की कोशिश में भी पुलिस सेवा वाले लोगों के द्वारा पकडा जाता है। शनि दवाइयों के रूप में अगर देखा जाता है तो राहु के इन्फ़ेक्सन फ़ैलाने को भी माना जा सकता है,इसी लिये इस इन्फ़ेक्सन को ठीक करने के लिये मंगल का शनि के साथ होना भी एक उत्तम योगकारक समय को सूचित करता है,शनि का निवास नीची बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिये देखा जाये तो मंगल का काम उन बस्तिओं में रहने वाले लोगों पर अंकुश लगाने के रूप में देखा जाता है,जो लोग अवैद्य निर्माण कर रहे होते है उन्हे बेदखल करने का काम यानी कानून आदि बनाकर काम भी किया जाता है। गुरु शनि मंगल के आमने सामने होने से कानून को पालन करवाने वाले लोग भडके हुये लोगों को सजा दिलवाने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के जज के रूप में आदेश भी पारित करते है और शनि मंगल से आमने सामने की लडाई में सर्वोच्च न्यायालय के कानून और आदेश को पालित करने के लिये पुलिस या मिलट्री को अपनी अपनी सेवायें तकनीकी रूप से भी देनी पडती है। शनि लोहा और मंगल तकनीक है,जो व्यक्ति लोहे की तकनीक को जानते है उनकी प्रोग्रेस का भी यह समय माना जाता है,जैसे मैकेनिकल इन्जीनियर आदि इस समय का लाभ उठा सकते है,इस युति का प्रभाव रेल सेवा के लिये भी माना जाता है और राहु से दसवें भाव में मंगल शनि होने से तथा मंगल का राहु को चौथे भाव से देखने के कारण रेलसेवाओं के अन्दर दुर्घटना वाली बातें भी मानी जा सकती है। खानपान और होटल व्यवसाय का मालिक भी मंगल है,इन स्थानों के अन्दर शनि मंगल की युति होने से राहु के द्वारा आदेशित करने से कोई भी हादसा होने की आशंका भी की जाती है। गुरु का सामना होने से और गुरु का हवा की राशि में होने से साथ ही गुरु का सीधा विरोध शनि मंगल से होने से हवाई सेवाओं के अन्दर तकनीकी काम करने वाले लोगों के अचानक कार्य बंद कर देने या किसी प्रकार के आलस के कारण भी कोई हादसा समझना पड सकता है। इस प्रकार से शनि मंगल की युति से कई बातें समझी जा सकती है।

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