Sunday, April 8, 2012

क्यों हो जाते है प्लान फ़ेल ?

मन का कारक चन्दा होता मन की बात बताता है।
मन अगर गन्दा हो जाये पीछे ही रह जाता है॥
कन्या चन्द्र ऊंचा देखे नीचे नही सहारा है।
करे नौकरी पाले घर को मिलता नही किनारा है॥
कर्जा और दुश्मनी पाले अपने से भी बैर करे।
बिना बात के बैर निकाले कन्या राशि आन परे॥
लौट दुपहरी सूरज बैठा नवां भाव कहलाता है।
जीवन के अन्तिम समय मे पुत्र नाम कर जाता है॥
वक्री शनि हो चौथा बैठा धनु राशि का भेद भरे।
बार बार मन पलटे शिक्षा से आज अलग कल विलग करे॥
मन की सोच निराली होती शिक्षा पूरी कर ना पाये।
बात विदेशी सोचे मन में घर का घर मे रह जाये॥
मंगल राहु छठे हो बैठे भ्रम मे जीवन जाता है।
करे चाकरी औरों की जस का तस रह जाता है॥
गुप्त प्रेम मे मन को भेजे राहु गुरु जब युति करे।
छठा राहु और अष्टम गुरु बदले की मन मे हवा भरे॥
बारहवा केतु ख्वाब दिखाता कुर्सी ऊंची दिखलाता है।
सिंह राशि का टीचर बन कर दूर कहीं बस जाता है॥
धन भाग्य का शुक्कर मालिक बक्री दस मे जा बैठे।
लगन का मालिक बुध साथ हो ज्योतिष से पैसा ऐंठे॥
उल्टी बात बताता है स्त्री जाति ठग जाती है।
किस्मत उल्टी चलती है गंदी आदत लग जाती है॥
छठवां मंगल जासूसी करता मित्र भेद के बारे में।
ऊंचा बनने की बात करे गिनती करता न्यारे में॥
बाप कमाई खुद की भाई ऊंची शिक्षा मे लुट जाती है।
ख्वाब की खातिर रोता रहता शिक्षा ना हो पाती है॥
राहु दशा हो भ्रम मे रहता राहु तीसरा होता है।
तर्क करने का मानस देता झूठ बोलता रहता है॥
करे बराबरी महान पुरुष की अपनी बात बताता है।
राहु शनि के अन्तर में ख्वाब नही बन पाता है॥

1 comment:

Arvind Singh Negi said...

Guru Ji aap ne jo ye line likhi hain aisa hi kuch mere sath bhi huwa hai our abhi bhi ho rha hai mai kya kirpya kuch smadhan btayen. Lekin guru ji ek chinta our bhi hai mera mangal jo hai Astam bhag me hai our aapne sari baten sastam bhag ki btayi hain ....
Guru ji kuch smadhan btayen

Arvind Singh Negi
arv.snegi@gmail.com