Friday, April 6, 2012

जीवन मे राशियों का प्रभाव (मीन राशि)

मीन लगन में पैदा होने के कारण गुरु स्वामी होता है धन का स्वामी मंगल होता है हिम्मत और संसार में दिखावे का मालिक शुक्र होता है,माता मन और रहने वाले स्थान का मालिक बुध होता है,शिक्षा और बुद्धि का कारक चन्द्रमा होता है,कर्जा दुश्मनी बीमारी का कारण पैदा करने का कारक सूर्य होता है,जीवन साथी का मालिक भी बुध होता है अपमान रिस्क और मौत का मालिक शुक्र होता है,धर्म भाग्य और पिता के प्रभाव को बताने वाला भी मंगल होता है कार्य और जीवन में सफलता को प्राप्त करने का कारण गुरु ही होता है.लाभ को देने वाला भी शनि होता है और खर्च को करवाने वाला भी शनि होता है.जातक के परिवार में कहकर पूरा करने वाले लोग होते है बात के धनी होते है धन के मामले में घर के सदस्यों द्वारा अपने बाहुबल से किये जाने वाले कामो के अनुसार प्राप्त होने वाला धन माना जाता है जातक अपने को दिखाने के लिए धनी प्रभाव प्रकट करने का रास्ता जानता है अपने दोहरे स्वभाव और अपने को धनवान बताने की आदत होती है कभी कभी झूठा प्रदर्शन करने की भी आदत होती है,मानसिक धारणा दोहरी होती है जब कोई ठन्डे स्वभाव वाला सामने आता है तो गुस्सा से बात करने की आदत होती है जैसे ही कोई गर्म स्वभाव वाला व्यक्ति बात करता है तो खुद को ठंडा बनाकर बात करने की आदत होती है आसपास के लोग बहुत चाहते है लिखने और पढ़ने के मामले में प्राथमिक रूप से अच्छी योग्यता होती है प्राथमिक शिक्षा में दोहरे स्कूल या दोहरी पढाई भी करनी पड़ती है,घर में संगीत का चलना और भजन आदि के प्रति रूचि होती है,मानसिक भावना में हमेशा बदलाव आता रहता है किसी प्रकार के स्थाई प्रभाव का होना नहीं होता है,खेल कूद में भी वही अच्छे लगते है जो लोग चाहते है,कर्जा दुश्मनी बीमारी और पिता की नौकरी आदि पर ही जीवन के प्राथमिक भाग का उदय होना माना जाता है,राजकाज के मामले में हमेशा गूढ़ नीतियों का बना रहना भी माना जाता है सरकारी क्षेत्र की नौकरी आदि करने का अवसर भी आता है अक्सर बैंक बीमा फायानेसं के कामो में मन भी लगता है,जीवन साथी के मामले में हमेशा किसी न किसी बात की अनबन रहना या किसी प्रकार के कर्जा दुश्मनी बीमारी वाले कारणों का बना रहना माना जाता है जीवन साथी की दिशा भी उत्तर दिशा की तरफ होती है.व्यापारिक मामले में रिस्क लेने की आदत होती है जीवन साथी के मामले अगर कोई बात परिवार और खुद के माता पिता से दूर रहकर की जाती है तो दोहरे संबंधो के लिए भी माना जा सकता है,कमर के नीचे की बीमारिया जिन्दगी में आधी उम्र के बाद परेशान करती है.जीवन साथी से किसी न किसी बात पर षडाष्टक योग बना ही रहता है,धर्म के मामले में वही धर्म अच्छे लगते है जो पूर्वजो के प्रति माने जाते है या भय देने वाले देवता या देवी के रूप में होते है,पिता के जन्म स्थान से दक्षिण पश्चिम दिशा में औकात बढाने का कारण भी बनता है और भाग्य भी उसी दिशा से शुरू होता है,कार्यों के मामले में वही कार्य अच्छे लगते है जो ऊंचे लेबल के होते है न्याय और विदेशी बैंक आदि के लिए कार्य जो किये जाते है वह अक्सर नाम और धन देने वाले होते है,पिता ही कैरियर को बनाने वाला होता है पिता के अन्दर अपने परिवार को साथ लेकर चलने की आदत होती है जबकि माता का स्वभाव बातूनी भी होता है और अपने ही कामो से मुशीबत पाल लेने की आदत भी होती है.बड़े भाई बहिनों के मामले में पहले एक भाई बहिन की या तो औकात नहीं बनती है या जीवन में वह अपनी औकात को दिखा ही नहीं पाता है दूसरे नंबर का प्रभाव जीवन में अधिक मिलता है पिता का एक बार का धन और मान सम्मान या कार्य बीच में ही छोड़ दिया जाता है दूसरे काम से ही पिता की औकात बढ़ती है माता के लिए कामो के अन्दर ही अपमान भी सहना पड़ता है और पीठ की बीमारी या जोड़ो का दर्द भी माना जाता है,किसी भी मामले में अधिक लाभ के चक्कर में अधिक खर्चा किया जाता है और दोस्तों के लिए खर्च करना कमाई को बढाने के लिए खर्च करना अपने पूर्वजो के स्थान से दूर जाकर जायदाद के लिए खर्च करना अधिक माना जाता है इसके अलावा भी एक साथ दोहरे खर्चे जीवन में साथ साथ चलने के लिए भी माना जाता है.

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