Thursday, June 23, 2011

ह्रदय रोग (भाग 3)

कर्क राशि का शनि अक्सर जनता से जोड कर रखता है जातक के अन्दर भावना भावुकता से पूर्ण नही होती है इसका कारण है कि मन का पत्थर हो जाना और मन का ठंडा हो जाना। कोई भी व्यक्ति अपने उद्गारों को प्रस्तुत करने में असमर्थ होता उसे केवल कार्य करने वाले लोगों से सम्पर्क करना ही अच्छा लगता है वह अधिक से अधिक भौतिक जायदाद को इकट्ठा करने के लिये अपने मन को लगाये रहता है,पारिवारिक माहौल में उसे दर्द नही होता है कि उसके अमुक सदस्य को अमुक पीडा है,पीडा निवारण के लिये वह केवल डाक्टरी सहायता को देने की बात करता है,उसे भावनात्मक रूप से समझ नही होती है कि वह जिससे बात कर रहा है उसके प्रति अगर वह दो शब्द प्रेम से बोल देता है तो उसकी पीडा कम हो जायेगी। इस प्रकार के लोगों के लिये सीधी सी पहिचान होती है कि जातक कर्क के शनि से आच्छादित है,उसे भावना से अधिक कार्य की चिन्ता है उसका मन उसी प्रकार से जमा हुआ है जैसे पानी को जमाकर बर्फ़ बना दिया जाये। इस प्रकार के व्यक्ति के ह्रदय में जडता पैदा हो जाती है,और जब कर्क राशि के शनि के साथ कमजोर सूर्य का प्रभाव होता है यानी जातक का जन्म आधीरात के समय होता है,और जातक का जन्म जहां होता है वह स्थान ठडे स्थान के रूप में है,जन्म का समय भी जुलाई और अगस्त के बीच में होता है,इस प्रकार की युति जब कुंडली के अन्दर मिलती है तो जातक के लिये कठोर ह्रदय की बीमारी के रूप में जाना जाता है,जातक अपनी पीडा को भी प्रकट नही कर सकता है वह किसी दुख को दूर करने के लिये अपने बाहुबल को ही प्रयोग में लाता है और जब उसका बाहुबल टूट जाता है तो वह सीधा अस्पताल में चला जाता है जहां डाक्टर उसके ह्रदय की ओपन हर्ट सर्जरी के द्वारा या तो उसके ह्रदय में जमा गंदगी को साफ़ करते है या बन्द धमनियों को खोल कर प्लास्टिक के वाल्व डालते है। उपरोक्त कुंडली में शनि के साथ सूर्य और बुध का होना इसी बात का संकेत देता है,सूर्य से ह्रदय बुध से धमनिया और प्लास्टिक तथा शनि से कार्य।
इस प्रकार की ग्रह युति से बचने के लिये और अपनी रक्षा के लिये जातक को कभी भी वातानुकूलित स्थानों में काम नही करना चाहिये,कारण जातक को सूर्य की धूप की उपयोगिता जरूरी है सूर्य जातक के शरीर से पसीने को बहायेगा तो जातक के ह्रदय में जमा गन्दगी खून के साथ निकलकर साफ़ होती रहेगी,दूसरे जातक को अपने कामुक स्वभाव में कन्ट्रोल करके रखना चाहिये जिससे उसके शरीर का सूर्य यानी वीर्य या रज सुरक्षित रहे और शरीर की कमजोरी में वह काम आये,अति कामुकता से बचने के लिये जातक को आहार विहार और रोजाना के कार्यों पर बल देना चाहिये,राजनीति से सम्बन्धित कार्यों पर या जनता से जुडे कार्यों को कम से कम करना चाहिये जिससे जनता के दुख और दर्द को बार बार महसूस करने के लिये उसे अपने ह्रदय पर अधिक जोर नही डालना पडे। सूर्य और शनि की युति मे जातक के पास सुबह और शाम के ही काम अधिक होते है बाकी समय वह अपने दिमाग को प्लान बनाने के लिये प्रयोग में लाता है अधिक सोचने के कारण जातक का ह्रदय कभी अधिक उत्तेजित होता है और कभी धीमा होता है इस प्रकार से सांसो की गति कम या अधिक बार बार होने लगती है,इस गति के साथ ह्रदय का कार्य कभी अच्छा और कभी बुरा होने लगता है,जब ह्रदय की गति में अधिक परिवर्तन होता है तो वह ह्रदय को बन्द करने केलिये काफ़ी होता है,इसे ही हार्ट अटैक की बीमारी कहा जाता है,जातक को सूर्य शनि की युति में बुध की उपस्थिति के लिये नवग्रह का बना पेन्डल अपने सीने से लगाकर रखना चाहिये,कारण सूर्य और शनि पिता पुत्र की तरह से है और जहां सूर्य की सीमा समाप्त होती है वही से शनि की सीमा शुरु हो जाती है,साथ ही बुध भी अपनी गति को सूर्य और शनि के साथ बराबरी की सीमा में बान्ध कर रखता है,इस प्रकार से कोई एक ग्रह का प्रभाव इन ग्रहो की युति में फ़र्क नही दे पाता है,नवग्रह का पेन्डल स्वास्तिक के रूप में जब ह्रदय पर लटकता है तो जातक के अन्दर चलने वाले विचारों में स्थिरता आती है वह सोचता भी है और करता भी इस प्रकार से व्यक्ति की जीवन की अवधि बढ जाती है,जो व्यक्ति राजनीति में है या जो व्यक्ति जनता के साथ जुडकर जनता वाले कार्य कर रहे है अथवा जो लोग जनता के साथ मिलकर खरीद बेच का कार्य चांदी चावल तथा खेती से पैदा होने वाली जिन्स के प्रति अपने काम कर रहे है,अथवा जो लोग हाउसिंग सोसाइटी को बनाकर चला रहे है अथवा मकान को बनाकर बेचने का काम कर रहे है पानी वाले कार्यों को कर रहे है पानी वाले जहाज या नाव अथवा बोटिंग वाले काम कर रहे है उनके लिये यह स्वास्तिक बहुत फ़लदायी होता देखा गया है।
अधिक जानकारी करने के लिये आप ईमेल कर सकते है।
अपने बारे में जानने के लिये आप बेव-साइट से प्रश्न को भेज सकते है।

1 comment:

amit joshi said...

suraj aur sani ki uti kark rashi me second house me ho to bhi hart problem ho sakti he kya? agar hoti he to uska upay bataye