हर व्यक्ति की जन्म कुंडली हाथ में नही होती है,बिना जन्म कुंडली के नये व्यक्ति के बारे में जानकारी करना भी अपने में अनौखी बात मानी जाती है,व्यक्ति के बारे में जानने की तब और उत्कंठा अधिक बढती है जब वह किसी प्रकार से जीवन में अधिक समय के लिये जुडने जा रहा होता है,अथवा किसी व्यक्ति से लम्बे समय के लिये बैर प्रीति और व्यवहार करना होता है। अगर व्यक्ति के बारे में हम पहले से कुछ अकाट्य सूत्रों से जानकारी हासिल कर लेते है तो हम बहुत बडे धोखे से अथवा जो प्रकृति हमे पसंद नही होती है उससे बच सकते है। शादी विवाह के लिये अक्सर लोग आजकल गलत कुंडलियां बनाकर देने लगे है,लेकिन शरीर के बारे में जो लक्षण भूतकाल से प्रकाशित किये गये है उनके बारे में अगर व्यक्ति को सही जानकारी हो जाती है तो वह जीवन के कई प्रकार के कष्टों से बच सकता है।
शरीर की बनावट से प्रारम्भिक जानकारी
जब कोई भी स्त्री या पुरुष सामने आता है तो उसकी बनावट सामने आती है,वह लम्बा है ठिगना है,मोटा है पतला है,काला है गोरा है,गेहुंआ है,चेहरे की बनावट कैसी है,सिर छोटा है या बडा है,मोटा है पतला है,ललाट कैसा है,व्यक्ति की आंखों की बनावट कैसी है,आंखों के ऊपर की भौहें कैसी है,कान कैसे है,होठ कैसे है,नाक की बनावट कैसी है,दाँत क्या कह रहे है,बाल क्या बता रहे है,आदि बातों से व्यक्ति की पहिचार आराम से की जा सकती है।
शरीर की लम्बाई से जानकारी
प्रकृति की बनावट से अगर कुछ अधिक या कम हो जायेगा तो उसके अन्दर कुछ ना कुछ तो फ़र्क तो होगा ही,यह एक समझने वाली बात है,जैसे कि व्यक्ति का औसत लम्बाई से अधिक लम्बा होना,लम्बे व्यक्ति के अन्दर मोटापा नही होता है,इसका भी एक कारण है कि अगर लम्बा व्यक्ति मोटा होगा तो प्रकृति के द्वारा प्रदत्त गुणों का विकास नही हो पायेगा,लम्बे व्यक्ति के अन्दर पहला दुर्गुण ’अहंकार’ होता है,व्यक्ति को अपने से छोटों को देख देख कर अहंकार भरने लगता है,वह अपने अन्दर लापरवाही को बहुत सीमा तक जगह दे देता है,किसी भी वस्तु कपडे और बटन लगाने अपने को उचित स्थान पर बैठाने और बोलने चालने में लापरवाह होने का भाव देता है,लम्बे व्यक्ति अक्सर स्वार्थी भी होते है अपने काम को निकालने के लिये वह बडे बडे काम पहले तो करने लगेंगे,लेकिन जैसे ही काम निकला उनका पता नही चलेगा,और समय कुसमय मिल भी गये तो वे कोई न कोई बडा बहाना बना कर दूर होने की कोशिश करेंगे। धर्म और समाज के प्रति भी ऐसे लोग लापरवाह होते है,मर्यादाओं पर चलना इनके बस की बात नही होती है,बुढापे में अक्सर ऐसे लोगों की कमर झुक जाती है,या फ़िर बचपन से इनको जुकाम की बीमारी होती है,स्त्री को पुरुषों के प्रति और पुरुषों के प्रति कामवासना के प्रति अधिक झुकाव होता है,खाने पीने के मामलों में हमेशा इनकी चाटुकारिता देखी जा सकती है,यह कम खाते है लेकिन बार बार खाने की आदत होती है,इनके पास पुरुष संतान से अधिक कन्या संतान होती है,यह अपने पैदा होने वाले स्थान से दक्षिण पूर्व दिशा की तरफ़ काम धन्धे के लिये निकलते है,और बाहर के लोगों की सेवा में लगना इनका काम होता है,अक्सर बचपन के मित्र इनको नही मिल पाते है,हर दूसरी या तीसरी साल में इन्हे मित्र बदलने की आदत होती है,तथा नवीं साल में यह रहने वाले स्थान को भी बदलते है,इन्हे अपने काम को करवाने के लिये समय समय पर कोई ना कोई मिल ही जाता है।
ठिगना व्यक्ति
ठिगना आदमी स्वार्थी अधिक मेहनती गुप्तरीति से अपना काम निकालने वाला जन्म से ही जासूस अपने लाभ की तरफ़ अधिक ध्यान देने वाला वाणी से अधिक विनम्र मजाकिया लेकिन अपना मतलब निकाल कर दूर होजाने वाला माना जाता है,अधिकतर इस प्रकार के व्यक्तियों का केतु बहुत ही ओछी स्थति में होता है,जब भी इन्हे कोई साधन की आवश्यकता होती है तो इनको सहारा देने वाले लोग ही इन्हे काटने लगते है,लेकिन इन्हे चालाकी करने वाले लोगों से खुद को छलवाने में बडा मजा आता है,कारण जब यह उसकी चालाकी को पूर्ण रूप से परख लेते है और उसकी चालाकी का साबूत अपने पास रख लेते है फ़िर यह उसे बडी आसानी से बहुत बडे फ़ायदे के लिये प्रयोग करते है। अक्सर यह पहले तो किसी पर खार खाते नही है लेकिन जिस किसी पर खार खा जाते है तो फ़िर या तो वह इनकी करतूतों से बचता नही है,और बचता भी है तो किसी काम का नही रहता है। अधिकतर इस प्रकार के लोगों के अन्दर मन ही मन में घुनने की आदत होती है,जितना अधिक यह अपने को अकेला पाते है उतना ही अधिक दुखी होते है,इन लोगों को अपने आसपास के माहौल को मजाकिया रूप में कथित करने की आदत होती है,लोग इनकी बातों को खूब मन लगाकर सुनते है।
सामान्य कद का व्यक्ति
जो व्यक्ति न अधिक लम्बा और न अधिक छोटा होता है वह बहुत ही सतर्क प्रकृति का होता है,उसके साथ कोई चालाकी नही कर सकता है,बुद्धिमानी के मामले में वह अपने को आगे से आगे निकालता चला जाता है,इस प्रकार के व्यक्ति को कभी असमय गुस्सा नही आता है,वह समय पर गुस्सा होता है और समय पर खुश होता है,इस प्रकार के व्यक्ति को हमेशा अपने पराये का ख्याल होता है,सज्जनता इस प्रकार के व्यक्ति के अन्दर भरी होती है,विवेक से काम लेने वाला और समय पर अपनी बुद्धि से दिक्कतों से निकलने वाला माना जाता है,धर्म अधर्म का विचार करने के बाद ही इस प्रकार के लोग अपना कार्य करते है,पाप पुण्य की जानकारी के बिना यह काम नही करते है। समाज मे जो भी नियम अपनाये जाते है उन्हे यह मान कर चलते है।
मोटा व्यक्ति हंसमुख लापरवाह अहंकारी स्वार्थी अपने लिये मुनाफ़ा कमाने वाला लौकिक सफ़लताओं को महत्व देने वाला धैर्य से रहने वाला कुछ सीमातों तक ही मान सम्मान का ख्याल रखने वाला होता है,खाने के मामले में यह लोग लगातार कुछ न कुछ खाने के लिये लालियत रहते है यात्रा के समय इनके लिये खाने का बहुत ध्यान रखना पडता है,मोटा होने के कारण इनके अन्दर कामुकता का भी अधिक होना पाया जाता है,यह अपने धैर्य को सीमित नही रख पाते है अपने काम को निकालने के लिये यह बहुत उतावले होते है,अपने कार्य सिद्ध के लिये यह कोई भी काम कर सकते है। अधिकतर मामलों इनकी आदत अधिक टीवी देखने या कम्पयूटर पर बैठने की आदत होती है,लडाई झगडे में इनको पहले गुस्सा आती नही है और किसी प्रकार से इन्हे अगर काफ़ी उत्तेजित कर दिया जाये तो उनकी गुस्सा को शांत होने में भी काफ़ी समय लगता है। इन्हे ह्रदय रोग से अधिक समय तक रूबरू होना पडता है,अक्सर मोटे लोगों के पास एक नर संतान और अधिक स्त्री संतान देखने में आती है,सत्तर प्रतिशत लोग संतान से विहीन ही पाये जाते है।
पतले शरीर से व्यक्ति की पहिचान
15 comments:
Guruji, is par or bhi likhein...
वाह! बढ़िया जानकारी
साथ ही
हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है।
अच्छा लिखें अच्छा पढ़ें
बी एस पाबला
good job done..
vary nice
Jai Ram "viplav"
Nice & right thinking.
Ramji Sharma
BAHUT HI ACHCHHA LIKHA GYA HAI.
Bahut hi achchha hai.
aaj pahli bar ise padha ...laga jaise pyase ko pani nahi sagar mil gaya ho...anginit dhanybad
bhut accha vishleshan hai kafi had tak sahi
main bahut prasann hun ke aap samaj ko dhoke baajo se bachne ka sahi tarika bata rahe hai
acha blog hai
मेरी एक मामी ठिगनी है और इस बारे में जो भी लिखा है वह 100% सत्य है
जय हो गुरु देव्
Good job sir
Aati Uttam Prayas
Jyotish ka bahumulya gyan hai is blog me Jo ki jan manas ko jagrit karne me saksham hoga. Jai Shri RAM
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